भारत की अर्थव्यवस्था हमेशा से सुधार और बदलाव के दौर से गुजरती रही है। कर व्यवस्था में बदलावों का इतिहास भी इसी यात्रा का अहम हिस्सा है। 2017 में लागू हुआ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) इस दिशा में सबसे बड़ा कदम माना गया था। इसने कई स्तरों पर फैले करों को खत्म कर एकीकृत व्यवस्था दी। लेकिन अब GST 2.0 ने इस यात्रा को एक नया मुकाम दिया है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भारत24 कॉनक्लेव के मंच से इसे “स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी कर क्रांति” बताया। उन्होंने कहा कि यह सुधार केवल कर संरचना का बदलाव नहीं, बल्कि आम नागरिक से लेकर व्यापारी तक सबके जीवन में राहत और पारदर्शिता लाने वाला कदम है।
GST 2.0: नई शुरुआत का संदेश
जहाँ पहला GST कई करों को खत्म कर एक कर प्रणाली लाया था, वहीं GST 2.0 का लक्ष्य है करों को और सरल, पारदर्शी और कुशल बनाना। इसमें सबसे बड़ा बदलाव है – सिर्फ दो टैक्स स्लैब्स (5% और 18%)।
पहले कई स्लैब्स की वजह से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों उलझन में रहते थे। अब यह जटिलता खत्म हो गई है। कम टैक्स दरों से न केवल नागरिकों की जेब पर बोझ घटा है, बल्कि व्यापारियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भी आसान हुआ है।
अनुप्रिया पटेल ने इसे “बचत उत्सव” का नाम दिया। उनके अनुसार, अब रोज़मर्रा की ज़रूरतें सस्ती हुई हैं, जिससे लोगों को अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
भारत जैसे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की लागत हमेशा से एक चुनौती रही है। दवाइयों और इलाज की महंगाई आम परिवारों के लिए भारी पड़ती थी। लेकिन GST 2.0 ने इस क्षेत्र में राहत दी है।
- आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर टैक्स घटने से इलाज सस्ता हुआ।
- अस्पताल और फार्मा उद्योग पर कर का बोझ घटने से सेवाएँ सुलभ हुईं।
- मेडिकल आइटम्स पर कम टैक्स से हर घर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुँच रही है।
केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा – “GST 2.0 ने स्वास्थ्य क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर दिया है।” महामारी, बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों की पृष्ठभूमि में यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है।
किसानों और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा
GST 2.0 का असर केवल शहरों तक सीमित नहीं है। यह किसानों और ग्रामीण भारत के लिए भी राहत लेकर आया है। उर्वरकों और कृषि उपकरणों पर टैक्स घटने से उत्पादन लागत कम हुई है।
इससे –
- किसानों की आय में सुधार होगा।
- उत्पादन बढ़ेगा और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम होगा।
अनुप्रिया पटेल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि “GST 2.0 सिर्फ कर सुधार नहीं, बल्कि किसानों की समृद्धि और देश की खाद्य सुरक्षा का आधार है।”
नागरिकों और व्यापारियों के लिए आसान राह
GST 2.0 का सबसे बड़ा फायदा आम नागरिक और छोटे व्यवसायियों को हुआ है।
- पहले जहाँ टैक्स स्लैब्स की जटिलता थी, अब केवल दो दरों ने पारदर्शिता बढ़ा दी है।
- छोटे व्यापारी अब सरल प्रणाली में आसानी से कर अदा कर पा रहे हैं।
- कम टैक्स दरों से उपभोक्ता को रोज़मर्रा की वस्तुएँ सस्ती मिल रही हैं।
DD News की रिपोर्ट के अनुसार, GST 2.0 लागू होने के बाद सरकार के राजस्व संग्रह में भी बढ़ोतरी हुई है। यह पैसा विकास योजनाओं और बुनियादी ढाँचे में निवेश के काम आएगा।
आत्मनिर्भर भारत के सपने को मजबूत आधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “आत्मनिर्भर भारत” अभियान देश को आर्थिक रूप से मज़बूत और सामाजिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में अग्रसर है। GST 2.0 इसी अभियान का एक अहम स्तंभ है।
- कम टैक्स दरों से उत्पादन लागत घटी।
- घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिला।
- “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” को गति मिली।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह सुधार भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। नवरात्रि और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले यह बदलाव लागू करना देशवासियों के लिए “ऐतिहासिक तोहफा” है।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
हर बड़े बदलाव की तरह GST 2.0 के सामने भी चुनौतियाँ हैं।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती मांग और संसाधनों की कमी को अभी भी संतुलित करना होगा।
- डिजिटल और तकनीकी सुधारों की ओर और कदम बढ़ाने होंगे।
- टैक्स चोरी और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त व्यवस्था बनानी होगी।
अनुप्रिया पटेल ने भरोसा जताया कि सरकार नागरिकों के सुझावों को महत्व देती है और आगे भी सुधार की दिशा में काम करती रहेगी।
एक नया कर युग
GST 2.0 सिर्फ एक कर सुधार नहीं, बल्कि नए भारत की आर्थिक क्रांति है। यह सुधार –
- आम नागरिक की जेब में राहत,
- स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता,
- किसानों की समृद्धि,
- और व्यापारियों की सुविधा लेकर आया है।
कम टैक्स स्लैब्स, पारदर्शी व्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि ने इसे ऐतिहासिक बना दिया है। आने वाले वर्षों में इसके प्रभाव और गहरे होंगे और भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर और भी मज़बूत स्थिति में खड़ा होगा।
साफ है, GST 2.0 ने भारत को “कर सुधार” से आगे बढ़ाकर “कर क्रांति” के दौर में पहुँचा दिया है।