उत्तर प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश ने गंगा, यमुना और वरुणा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर दिया है, जिससे 17 जिलों में 84,392 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ ने 402 गांवों को अपनी चपेट में लिया है, और 11,248 लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए।

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही हैं, जबकि वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.26 मीटर के खतरे के निशान को पार कर 71.66 मीटर तक पहुंच गया है। वाराणसी के सभी 84 घाट, जिसमें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का गंगा द्वार और नमो घाट शामिल हैं, जलमग्न हो चुके हैं। अस्सी घाट पर सड़कों पर पानी भर गया है, और जगन्नाथ मंदिर के द्वार तक पानी पहुंचने से पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, और बलिया जैसे जिलों में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
वरुणा नदी के जलस्तर में सात घंटे में 12 फीट की वृद्धि ने निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है। बाढ़ से 4,015 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है, और 343 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
अनुप्रिया पटेल का दौरा
आज संसदीय क्षेत्र मीरजापुर,विकासखंड-नरायनपुर के बाढ़ प्रभावित ग्रामसभा-नकहरा, बेला, सहसपुरा, बघेड़ी, बघेड़ा आदि का दौरा कर स्थानीय जनता की समस्याओं से अवगत हुई तथा मौक़े पर उपस्थित जिलाधिकारी मीरजापुर व अन्य स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को राहत कार्य हेतु आवश्यक निर्देश दिए। pic.twitter.com/KIIuQF5WCT
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) August 3, 2025
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने जिला प्रशासन को तत्काल राहत सुविधाएं जैसे भोजन, स्वच्छ पानी, चिकित्सा सुविधाएं और अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने पर जोर दिया और कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
राहत और बचाव कार्य जोरों पर
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। भदोही में 22 बाढ़ चौकियां हाई अलर्ट पर हैं, और गोताखोरों व नाविकों की तैनाती की गई है। पूरे राज्य में 905 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जो 11,248 विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान कर रहे हैं। 757 स्वास्थ्य टीमें चिकित्सा जांच कर रही हैं, और 1,193 बाढ़ चौकियां स्थिति पर नजर रख रही हैं। 493 नावों और मोटरबोटों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 प्रभावित जिलों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की ‘टीम-11’ गठित की है। उन्होंने जिला अधिकारियों (डीएम), पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को 24 घंटे मैदान में रहकर राहत कार्यों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जल संसाधन मंत्री की सक्रियता
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल ने औरैया के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अधिकारियों को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित लोगों को भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रबंधन और नदियों के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक उपायों पर भी चर्चा की।
प्रभावित जिले और स्थिति
वर्तमान में 17 जिले—कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर—बाढ़ की चपेट में हैं। वाराणसी में 32 गांव और 24 शहरी इलाके प्रभावित हैं, जिनमें 6,583 लोग विस्थापित हुए हैं। 47,906 लोगों को अब तक सहायता प्रदान की गई है, और 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्यों को और तेज करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को असुविधा नहीं होनी चाहिए, और राहत सामग्री समय पर पहुंचनी चाहिए। प्रभावित परिवारों को मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, जिसमें अब तक 327 परिवारों को सहायता दी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, लेकिन अनुप्रिया पटेल, जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार राहत कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रशासन की तत्परता और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की सक्रियता से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।