नई दिल्ली, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC) के वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन आज भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। समारोह में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल विशिष्ट अतिथि और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस अवसर पर अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में LHMC की ऐतिहासिक विरासत और महिला सशक्तिकरण में इसके योगदान को रेखांकित किया।
LHMC: महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवा का प्रतीक
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने अपने संबोधन में कहा, “लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एक संस्थान के रूप में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक रहा है और इसने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।” उन्होंने बताया कि LHMC देश के सबसे पुराने चिकित्सा संस्थानों में से एक है, जो कनॉट प्लेस, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन जैसे ऐतिहासिक स्थलों से भी पुराना है। पिछले 110 वर्षों में यह संस्थान निरंतर विकसित हुआ है और आज यह पुरानी और नई इमारतों का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि LHMC ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखी है, विशेष रूप से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में केवल महिला छात्राओं को प्रवेश देकर और स्नातकोत्तर व विशेषज्ञता पाठ्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर। श्रीमती पटेल ने बताया कि LHMC हर साल 240 छात्राओं को स्नातक डिग्री और लगभग 200 चिकित्सकों को विशेषज्ञता डिग्री प्रदान करता है,
कोविड-19 के दौरान छात्रों की भूमिका
छात्रों को संबोधित करते हुए, श्रीमती पटेल ने कहा, “आपने कोविड-19 महामारी जैसे सबसे चुनौतीपूर्ण समय में काम किया है। यह अनुभव आपको वास्तविक जीवन की चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा और आपके व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज के प्रति आपके योगदान को बढ़ाएगा।” उन्होंने चिकित्सा पेशे को विशेषाधिकार और जिम्मेदारी का अनूठा मिश्रण बताया। उन्होंने कहा कि समाज में चिकित्सकों का स्थान बहुत ऊंचा है, और उन्हें उच्चतम नैतिक मूल्यों को अपनाते हुए समाज के वंचित वर्गों की सेवा करनी चाहिए।
श्रीमती पटेल ने छात्रों के माता-पिता, संकाय सदस्यों और सभी उन लोगों को बधाई दी जिन्होंने छात्रों की सफलता में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि LHMC से प्राप्त मूल्य छात्रों को करुणामयी चिकित्सक बनने में मदद करेंगे।

विकसित भारत का सपना और स्वास्थ्य सेवा
अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि एक स्वस्थ राष्ट्र ही सही मायने में विकसित राष्ट्र हो सकता है। उन्होंने छात्रों से देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य और पिछले 11 वर्षों में इसमें आए परिवर्तनों को समझने का आग्रह किया। उन्होंने 2017 में लागू नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का जिक्र किया, जो विश्व के बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, “सरकार स्वास्थ्य के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है, जिसमें न केवल उपचारात्मक और निवारक, बल्कि प्रोत्साहनात्मक, उपशामक और पुनर्वास संबंधी पहलू भी शामिल हैं। इनमें निवारक स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है।”

सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए सरकार के प्रयास
श्रीमती पटेल ने 140 करोड़ की आबादी वाले भारत में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, बढ़े हुए सरकारी फंडिंग और सही नीतियों के साथ, स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय जीडीपी के लगभग 2% तक पहुंच गया है और यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में उल्लिखित 2.5% के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।
उन्होंने सामाजिक संकेतकों जैसे आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छ रसोई ईंधन की उपलब्धता में सुधार पर जोर दिया, जो सभी स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, सरकार स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने, दुर्गम क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को संबोधित करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुशंसित चिकित्सक-जनसंख्या अनुपात को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांति आई है, और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की संख्या 7 से बढ़कर 23 हो गई है। डिजिटल समाधानों को अपनाकर बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं।

आयुष्मान भारत और जन औषधि केंद्र
श्रीमती पटेल ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना बताया, जो 55 करोड़ लोगों, यानी कुल आबादी के 40%, फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करती है। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। इन पहलों ने नागरिकों के स्वास्थ्य पर होने वाले निजी खर्च को काफी हद तक कम किया है।
उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की त्वरित और मजबूत प्रतिक्रिया का भी उल्लेख किया, जिसमें भारत ने सबसे तेज और सबसे बड़ी टीकाकरण अभियान चलाया और 220 करोड़ से अधिक कोविड टीके की खुराकें दीं।
स्वस्थ भारत: एक साझा दृष्टिकोण
श्रीमती पटेल ने कहा, “स्वस्थ भारत और सभी के लिए स्वास्थ्य केवल नारे नहीं हैं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता और सभी हितधारकों का साझा दृष्टिकोण है। स्वास्थ्य में निवेश विकसित भारत के लिए सबसे बड़ा निवेश है।” उन्होंने छात्रों से चिकित्सा अनुसंधान में भाग लेकर, डिजिटल प्रौद्योगिकी और नवाचारों को अपनाकर और स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए देश को तैयार करके परिवर्तन के दूत बनने का आह्वान किया।

डॉ. विनोद कुमार पॉल का संबोधन
डॉ. विनोद कुमार पॉल ने इस अवसर को छात्रों, उनके माता-पिता और समर्पित शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा, “यह दिन छात्रों से चिकित्सक बनने और स्नातक से स्नातकोत्तर बनने की ओर एक बड़ा परिवर्तन है। एमबीबीएस स्नातकों के लिए यह मानवता और राष्ट्र की सेवा करने का पहला अवसर है। यह जिम्मेदारी, वादे और गर्व से भरा क्षण है।”
डॉ. पॉल ने LHMC द्वारा व्यापक एंटीबायोटिक नीति और एंटीबायोटिक्स के तर्कसंगत उपयोग पर दिशानिर्देश जारी करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप कार्यक्रमों का कार्यान्वयन और एंटीबायोटिक उपयोग पर नजर रखना महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने सभी चिकित्सा संस्थानों में एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप को अपनाने और इस क्षेत्र में LHMC को राष्ट्रीय मानक स्थापित करने का आह्वान किया।

डॉ. सुनीता शर्मा का संदेश
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि वे स्वयं LHMC की पूर्व छात्रा और तीन दशकों तक यहां संकाय सदस्य रही हैं। उन्होंने सभी छात्रों को डिग्री प्राप्त करने के लिए बधाई दी और उन्हें चरित्र, दृढ़ विश्वास, प्रतिबद्धता, साहस और शिष्टाचार के साथ आगे बढ़ने और राष्ट्र की सेवा करने का आग्रह किया।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज का यह दीक्षांत समारोह न केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि का उत्सव था, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा में प्रगति और विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम था। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में छात्रों को करुणामयी चिकित्सक बनने और LHMC की गौरवशाली विरासत को आगे ले जाने का आह्वान किया। यह समारोह नई पीढ़ी के चिकित्सकों के लिए एक प्रेरणा है कि वे राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहें और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करें।
‘लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज’ नई दिल्ली के दीक्षांत समारोह में मेरा संबोधन pic.twitter.com/0PiNaGhRXH
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) July 24, 2025