नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पैकेज के लिए 7,704 करोड़ रुपये की राशि के साथ 72 लाख से अधिक अस्पताल भर्तियां हुई हैं। यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए दी गई, जो देश की स्वास्थ्य सेवा में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है।
72.13 लाख भर्तियों का आंकड़ा, 7,704.37 करोड़ रुपये का निवेश
अनुप्रिया पटेल ने बताया कि आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के स्वास्थ्य लाभ पैकेज 2022 (एचबीपी 2022), जो साल 2022 में शुरू हुआ, के तहत मातृ स्वास्थ्य से जुड़े 28 पैकेज और बाल स्वास्थ्य से जुड़े 13 पैकेज उपलब्ध हैं। अब तक इन पैकेजों के तहत 72.13 लाख अस्पताल भर्तियां हो चुकी हैं, जिनकी कुल लागत 7,704.37 करोड़ रुपये है। यह योजना देश के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय
अनुप्रिया पटेल ने यह भी जानकारी दी कि एबी-पीएमजेएवाई वर्तमान में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय है। हाल ही में ओडिशा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जो इसके विस्तार और प्रभाव को दर्शाता है। इस कदम से लाखों परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत मातृ और नवजात शिशु स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए कई पहल शुरू की हैं। इनमें जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई), जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके), प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए), सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन), प्रसवोत्तर देखभाल का अनुकूलन, मासिक ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस, विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) और नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाइयों (एनबीएसयू) की स्थापना, साथ ही निमोनिया, दस्त और एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) अभियान शामिल हैं। ये कदम मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका
अनुप्रिया पटेल ने देश में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने में आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा दल, जिसमें अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता (आशा और एएनएम) शामिल हैं, 12 सेवाओं के पैकेज के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं। इन सेवाओं में गर्भावस्था और प्रसव में देखभाल, नवजात और शिशु स्वास्थ्य देखभाल, और सामुदायिक स्तर पर बाल एवं किशोर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं शामिल हैं।
समुदाय और स्वास्थ्य प्रणाली के बीच कड़ी
अनुप्रिया पटेल के अनुसार, आशा कार्यकर्ता प्रसवपूर्व जांच, संस्थागत प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल के लिए महिलाओं को प्रेरित करके मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाती हैं। वे घर-घर जाकर खतरे के संकेतों की पहचान करती हैं और माताओं को सर्वोत्तम आहार संबंधी सलाह देती हैं, खासकर गृह-आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) और गृह-आधारित युवा बच्चों की देखभाल (एचबीवाईसी) कार्यक्रमों के तहत। यह प्रयास मातृ और शिशु स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
एक स्वस्थ भारत की ओर कदम
अनुप्रिया पटेल के इस बयान से साफ है कि आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के जरिए सरकार गरीब और वंचित वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के अपने संकल्प को मजबूत कर रही है। आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत और सरकारी पहलों के संयुक्त प्रयास से मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार हो रहा है। यह योजना न केवल वित्तीय बोझ को कम कर रही है, बल्कि देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभा रही है।