मध्य प्रदेश की राजनीतिक भूमि पर एक नई हलचल मची हुई है। एनडीए का सबसे पुराना सहयोगी दल, अपना दल (एस), प्रदेश में अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए पूरे जोर-शोर से जुटा हुआ है। इस अभियान की कमान संभाल रहे हैं पार्टी के वरिष्ठ राजनीतिक रणनीतिकार डॉ. अतुल मलिकराम, जिनकी सक्रिय भूमिका ने संगठन को नई ऊर्जा प्रदान की है। डॉ. मलिकराम के नेतृत्व में चलाए जा रहे सदस्यता अभियान और कार्यकर्ता सम्मेलनों ने पार्टी को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नई पहचान दी है, और यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अपना दल (एस) आगामी विधानसभा चुनावों में मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी में है।
अपना दल (एस) की स्थापना 1995 में डॉ. सोनेलाल पटेल द्वारा की गई थी, और यह दल मुख्य रूप से पिछड़े वर्गों, दलितों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहा है। वर्तमान में, पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में यह एनडीए का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मध्य प्रदेश में, जहां राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, अपना दल (एस) ने अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। यहां डॉ. अतुल मलिकराम की भूमिका निर्णायक साबित हो रही है। वे न केवल एक अनुभवी रणनीतिकार हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और विकास की विचारधारा को जमीन पर उतारने वाले नेता भी हैं। उनके मार्गदर्शन में पार्टी ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभियान चलाए, जिससे हजारों नए सदस्य जुड़े हैं।
डॉ. अतुल मलिकराम का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है। वे मूल रूप से एक सामाजिक कार्यकर्ता और रणनीतिक सलाहकार हैं, जिन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों और अभियानों में अपनी विशेषज्ञता दिखाई है। अपना दल (एस) में शामिल होने के बाद, उन्होंने पार्टी की विचारधारा को आधुनिक रणनीतियों से जोड़ा। मध्य प्रदेश में उनका फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर रहा है, जहां वे कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों को पार्टी की नीतियों से जोड़ रहे हैं। हाल के महीनों में, डॉ. मलिकराम ने प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव आर. बी. सिंह पटेल और राष्ट्रीय महासचिव (युवा मंच) डॉ. अखिलेश पटेल के साथ मिलकर इंदौर, भोपाल, सागर, छतरपुर, खजुराहो, पन्ना, सतना, देवास, धार और उज्जैन जैसे महत्वपूर्ण जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए। इन सम्मेलनों में न केवल पार्टी की नीतियों पर चर्चा हुई, बल्कि नए सदस्यों को जोड़ने का अभियान भी तेज किया गया।
इंदौर में आयोजित एक प्रमुख सम्मेलन में डॉ. मलिकराम ने कहा, “अपना दल (एस) का लक्ष्य केवल राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराना नहीं है, बल्कि सत्ता में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करना है। हमें हर गांव, हर घर तक पहुंचना होगा और लोगों के साथ भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करना होगा।” उनकी यह बातें कार्यकर्ताओं में जोश भर रही हैं। भोपाल में हुए अभियान में उन्होंने जोर दिया कि पार्टी द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को तन-मन से निभाना सच्ची निष्ठा का प्रमाण है। डॉ. मलिकराम की रणनीति में युवाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान है। उन्होंने युवा मंच के माध्यम से डॉ. अखिलेश पटेल के साथ मिलकर युवा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया, जिससे पार्टी में नई पीढ़ी का प्रवेश बढ़ा है।
सागर और छतरपुर जैसे ग्रामीण जिलों में डॉ. मलिकराम की सक्रियता ने पार्टी को नई ऊर्जा दी। यहां उन्होंने स्थानीय किसानों और मजदूरों से जुड़े मुद्दों जैसे सिंचाई, रोजगार और शिक्षा पर फोकस किया। एक कार्यकर्ता ने बताया, “डॉ. साहब की वजह से हमारी पार्टी अब सिर्फ चुनावी दल नहीं, बल्कि जनता की आवाज बन रही है।” खजुराहो और पन्ना में आयोजित सदस्यता अभियान में सैकड़ों महिलाओं और युवाओं ने पार्टी जॉइन की, जो डॉ. मलिकराम की रणनीति की सफलता दर्शाता है। वे कहते हैं, “हमारी विचारधारा सामाजिक न्याय पर आधारित है, और मध्य प्रदेश जैसे राज्य में जहां असमानता ज्यादा है, हम बदलाव ला सकते हैं।”
सतना और देवास में डॉ. मलिकराम ने आदिवासी समुदायों से जुड़ाव बनाया। यहां उन्होंने पार्टी की नीतियों को स्थानीय भाषा में समझाया और कहा कि अपना दल (एस) पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ता रहेगा। धार और उज्जैन में हुए सम्मेलनों में उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों पर फोकस किया। “हम विश्वास रखते हैं कि 2025 के चुनावों में अपना दल (एस) विधानसभा में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा। हमारी रणनीति जनता से जुड़ी हुई है, और हम सत्ता में हिस्सेदारी के लिए तैयार हैं,” उन्होंने कहा। इन बयानों से स्पष्ट है कि डॉ. मलिकराम न केवल संगठन विस्तार कर रहे हैं, बल्कि पार्टी को चुनावी तैयारियों के लिए मजबूत भी बना रहे हैं।
डॉ. अतुल मलिकराम की भूमिका सिर्फ अभियानों तक सीमित नहीं है। वे पार्टी के नीति निर्माण में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अनुप्रिया पटेल के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के लिए विशेष योजनाएं तैयार की हैं, जैसे किसानों के लिए ऋण माफी और युवाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम। उनकी रणनीति में डिजिटल मीडिया का उपयोग भी शामिल है, जहां सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी की पहुंच बढ़ाई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डॉ. मलिकराम की वजह से अपना दल (एस) अब मध्य प्रदेश में एक उभरती ताकत बन रहा है। एक विश्लेषक ने कहा, “उनकी सक्रियता से पार्टी को नई ऊर्जा मिली है, और यह एनडीए के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।”
मध्य प्रदेश में बदलते राजनीतिक परिदृश्य में अपना दल (एस) की यह सक्रियता महत्वपूर्ण है। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है, लेकिन छोटे दलों की भूमिका बढ़ रही है। डॉ. मलिकराम की रणनीति से पार्टी गठबंधन की संभावनाओं को मजबूत कर रही है। उनके प्रयासों से पार्टी ने न केवल सदस्यों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास भी जगाया है। आने वाले दिनों में, यदि यह अभियान जारी रहा, तो अपना दल (एस) मध्य प्रदेश की राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
डॉ. अतुल मलिकराम की नेतृत्व क्षमता और समर्पण से प्रेरित होकर, पार्टी के कार्यकर्ता अब पूरे उत्साह से काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि राजनीति सेवा का माध्यम है, और वे इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मध्य प्रदेश के लोगों के लिए यह एक नई उम्मीद की किरण है, जहां सामाजिक न्याय और विकास की बातें अब जमीन पर उतर रही हैं। डॉ. मलिकराम की सक्रियता न केवल अपना दल (एस) को मजबूत कर रही है, बल्कि प्रदेश की राजनीति को भी नई दिशा दे रही है।